दूध-दहीं हम मक्खण खांवैं हरयाणे का नाम बणावैं ............................ हरयाणे का नाम बणावैं
कुश्ती अर्र कबड्डी मैं हम बडे-बड्यां नैं धूल चटावैं ............................ हरयाणे का नाम बणावैं
देस के ऊपर मरण-मिटण नै सबतै ऊपर नाम लिखावैं ............................ हरयाणे का नाम बणावैं
हरयाणे के फौजी म्हारे देश के ऊपर जान लुटावैं ............................ हरयाणे का नाम बणावैं
खेलां मैं भी कम हम कोनी सबतै ज्यादा मैडल ल्यावैं ............................ हरयाणे का नाम बणावैं
खेतां कानी लिकड़ कै देख फसलां क्यूकर सैं लहरावैं ............................ हरयाणे का नाम बणावैं
देख उरै आम्बां के बाग कोयल मीट्ठा कितना गावैं ............................ हरयाणे का नाम बणावैं
सीदे-सादे भोले लोग इबै तलक सैं खीचड़ी खावैं ............................ हरयाणे का नाम बणावैं
पीत्ज़ा, बर्गर नहीं सुहावै थाल भरैं यें हलवा खावैं ............................ हरयाणे का नाम बणावैं
रचनाकार - रोहित कुमार 'हैप्पी'
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