नवी खबर -हरियाणवी लघुकथा | Haryanvi Short Story by Rohit Kumar Happy
जो साहित्य केवल स्वप्नलोक की ओर ले जाये, वास्तविक जीवन को उपकृत करने में असमर्थ हो, वह नितांत महत्वहीन है। - (डॉ.) काशीप्रसाद जायसवाल।

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रोहित कुमार 'हैप्पी' | Rohit Kumar 'Happy'

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मैं चा आळे की दुकान पर बैठया चा की चुस्की मारदे-मारदे, अखबार पढण लगरया था। मेरी जड़ मै बेठया एक अनपढ़ सा बुजर्ग पूछण लगया, "रै बेट्टा सुणा कोई नवी खबर?"

"देश भर में अराजकता, दिल्ली में महिलाएं असुरक्षित, एक मंत्री पर घपले का आरोप, एक नव वधू दहेज की भेंट, एक खिलाड़ी मैच फिक्सिंग में गिरफ्तार......।

'रै छोरै या नवी खबर सै.......?"

अर मै सोचण लगया या तो रोज होवै। सच सै! ...या कोई नवी खबर थोड़े सै!

मन्नै आंख ठाकै बुजर्ग की तरफ देखया इब वा अनपढ़-सा दिखण आळा बड़ा विद्वान दिक्खै था।

- रोहित कुमार 'हैप्पी'

 

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