Mhara Haryana - Haryanvi literature, culture and language
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साजण तो परदेस बसै मैं सुरखी, बिंदी के लाऊं नणदी बेशक प्यार करै, सासू बी कम ना लाड करै मन थमै ना इब थमाए बी, दिल लगै ना इब लगाए बी बाबू तो रहै बीमार तेरा, देवरजी पडण नै शहर बसै सासू-माँ तन्नै याद करै, देवर बी कितना प्यार करै |
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