Mhara Haryana - Haryanvi literature, culture and language
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चाल-चलण के घटिया देखे बड़े-बड़े बड़बोल्ले लोग,
जीवन भर तो खूब सताया खूब करया मेरा अपमान,
रामायण मै न्यू फरमै गे तुलसी दास करम की महमा,
कथनी अर् करणी का अंतर पाया पैसंग और धड़े का,
सबतै भारी एक अचम्भा इस दुनिया मैं हमनै देख्या,
सिर मुंडवाया ओले पडगे पता नहीं पाट्या पगड़ी का;
- कंवल हरियाणवी [म्हारा हरियाणा संकलन]
Haryanvi Ghazal by Kanwal Haryanvi |
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