आग्या मिल गय्या तन्नैं बेल | हरियाणवी ग़ज़ल | Haryanvi Ghazal by Rohit Kumar Happy
वही भाषा जीवित और जाग्रत रह सकती है जो जनता का ठीक-ठीक प्रतिनिधित्व कर सके। - पीर मुहम्मद मूनिस।

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रोहित कुमार 'हैप्पी' | Rohit Kumar 'Happy'

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आग्या मिल गय्या तन्नैं बेल
लिकड़ चुकी सै कदकी रेल

जिब चावै आजाद घूम तौं
किसनै कर राखी सै जेल

जख्मां पै या नूण लगाकै
दुनिया देख्या करती खेल

सीदा-सादा कोई थय्या जै
कोल्हू मैं बस उसनै पेल

आ ज्यागी नाचैण नै राधा
कर ले कट्ठा नौ मण तेल

अपणा-सा लाग्गै वा 'रोहित'
मन का मन तै हो जिब मेल

- रोहित कुमार 'हैप्पी' [म्हारा हरियाणा संकलन]

Haryanvi Ghazal by Rohit Kumar 'Happy'

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