Mhara Haryana - Haryanvi literature, culture and language
Important Links
|
||||
Literature Under This Category | ||||
दीवाळी - कवि नरसिंह | ||||
कात्तिक बदी अमावस थी और दिन था खास दीवाळी का - आँख्याँ कै माँह आँसू आ-गे घर देख्या जब हाळी का ॥ |
||||
more... | ||||
मन डटदा कोन्या - म्हारा हरियाणा संकलन | ||||
मन डटदा कोन्या डाटूं सूं रोज भतेरा एक मन कहै मैं साइकल तो घुमाया करूं एक मन कहै मोटर कार मैं चलाया करूं रै मन डटदा कोन्या डाटूं सूं रोज भतेरा एक मन कहै मेरे पांच सात तो छोहरे हों एक मन कहै सोना चांदी भी भतेरे हों मन डटदा कोन्या डाटूं सूं रोज भतेरा |
||||
more... | ||||
बता मेरे यार सुदामा रै - म्हारा हरियाणा संकलन | ||||
बता मेरे यार सुदामा रै, भाई घणे दिनां मै आया - 2 बाळक था रै जब आया करता, रोज़ खेल कै जाया करता - 2 |
||||
more... | ||||