लघु-कथाएं |
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लघु-कथा, 'गागर में सागर' भर देने वाली विधा है। लघुकथा एक साथ लघु भी है, और कथा भी। यह न लघुता को छोड़ सकती है, न कथा को ही। |
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Literature Under This Category |
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आपणा घर -रेनू शर्मा
- म्हारा हरियाणा संकलन
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‘‘आं री ताई आज तो तुं चांए चांए फिरै सै के बात सै।'' बूढ़ी ठेरी रामदेई तै दुकानां पै तै समान ल्यांदवा देखकै पंसारी बोल्या।
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सफर
- रोहित कुमार 'हैप्पी' | Rohit Kumar 'Happy'
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"बापू पांच कोस पैदल चलना पड़ै स्कूल जाण खातर। एक सैकल दवा दे।"
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दिन कद आवेंगें
- रोहित कुमार 'हैप्पी' | Rohit Kumar 'Happy'
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"मैं थारे गाम की सड़कां पक्की करवा दयूंगा, अर नवे नलके लगवा दूंगा। मै पूरी कोशश करूंगा गाम मै एक हाई स्कूल खलवाण की।"
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नवी खबर
- रोहित कुमार 'हैप्पी' | Rohit Kumar 'Happy'
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मैं चा आळे की दुकान पर बैठया चा की चुस्की मारदे-मारदे, अखबार पढण लगरया था। मेरी जड़ मै बेठया एक अनपढ़ सा बुजर्ग पूछण लगया, "रै बेट्टा सुणा कोई नवी खबर?"
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