आग्या मिल गय्या तन्नैं बेल लिकड़ चुकी सै कदकी रेल
जिब चावै आजाद घूम तौं किसनै कर राखी सै जेल
जख्मां पै या नूण लगाकै दुनिया देख्या करती खेल
सीदा-सादा कोई थय्या जै कोल्हू मैं बस उसनै पेल
आ ज्यागी नाचैण नै राधा कर ले कट्ठा नौ मण तेल
अपणा-सा लाग्गै वा 'रोहित' मन का मन तै हो जिब मेल
- रोहित कुमार 'हैप्पी' [म्हारा हरियाणा संकलन]
Haryanvi Ghazal by Rohit Kumar 'Happy'
|