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मंदीप कंवल भुरटाना
मंदीप कंवल भुरटाना
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Total Number Of Record :1गया बख्त आवै कोन्या
गया बख्त आवै कोन्या, ना रहरे माणस श्याणे
पहल्म बरगा प्यार रहया ना, इब होरे दूर ठिकाणे॥
पहले जैसा कोन्या रहया, यार और व्यवहार कती
बीर-मर्द की कोन्या रही रै, घर महै ताबेदार कती
माणस माणस बैरी होरया, कोन्या बसै पार कती
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