सतपाल स्नेही का जीवन परिचय | Satpal Snehi Biography
भारतेंदु और द्विवेदी ने हिंदी की जड़ पाताल तक पहुँचा दी है; उसे उखाड़ने का जो दुस्साहस करेगा वह निश्चय ही भूकंपध्वस्त होगा।' - शिवपूजन सहाय।

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सतपाल स्नेही | Satpal Snehi

हरियाणवी कवि व ग़ज़लकार सतपाल ‘स्नेही’ का जन्म 15 अप्रैल 1954 को सोनीपत के गाँव ताजपुर में हुआ। आप सेवानिवृत्त हैं और आपका स्थायी निवास बहादुरगढ़ में है। 

कोई पथ भूली किरण आपका ग़ज़ल-गीत संग्रह है। 

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क्यूँ अपणे हाथों भाइयाँ का लहू बहावै सै | हरियाणवी ग़ज़ल

क्यूँ अपणे हाथों भाइयाँ का लहू बहावै सै
क्याँ ताहीं तू इतना एण्डीपणा दिखावै सै

जाण लिये तू एक दिन इसमै आप्पै फँस ज्यागा
जाल तू जुणसा औराँ ताही आज बिछावै सै

इस्या काम कर जो धरती पै नाम रहै तेरा
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