मेरी कुर्ती | हरियाणवी गीत
हमारी हिंदी भाषा का साहित्य किसी भी दूसरी भारतीय भाषा से किसी अंश से कम नहीं है। - (रायबहादुर) रामरणविजय सिंह।

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मेरी कुर्ती | रागनी (साहित्य) 
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Author:नरेश कुमार शर्मा

हे मेरी कुर्ती का रंग लाल मेरा बालम देख लूभावै सै। |टेक|
हे सै मेरा जोबन याणा।
मेरे संग होरया धिंगताणा।
उमरिया हो रही सोलह साल मेरा बालम देख लूभावै सै।

मैं जब ओड पहर कै चालु।
मै बडबेरी ज्यु हालु।
हे मन भीड़ी हो ज्या गाल मेरा बालम देख लूभावै सै।

हे मेरा रूप निखरता आवै।
जवानी दूणा जोर दिखावै।
हे मेरी बदल गई है चाल मेरा बालम देख लूभावै सै।

हे नरेश इश्क में भरग्या।
वो नजर मेरे पै धरग्या।
हे वो हुआ पड़ा सै घायल मेरा बालम देख लूभावै सै।

 

गीतकार- नरेश कुमार शर्मा
गांव-अजायब, जिला रोहतक, हरियाणा
मो0 9813921371

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