लगा बुढेरा एक बताण | हरियाणवी कविता
शिक्षा के प्रसार के लिए नागरी लिपि का सर्वत्र प्रचार आवश्यक है। - शिवप्रसाद सितारेहिंद।

Find Us On:

Hindi English
लगा बुढेरा एक बताण (काव्य) 
Click To download this content    
Author:रोहित कुमार 'हैप्पी' | Rohit Kumar 'Happy'

लगा बुढेरा एक बताण
आपस मै ना करो दुकाण
पडणा-लिखणा अच्छा हो सै
पर माणस की सीख पछाण
           लगा बुढेरा एक बताण......

देखा-परखा सै जग सारा
लाग रहे मेरे धौळे आण
          लगा बुढेरा एक बताण......

आपणी राखैं लोग छुपा कै
आवैंगे ये तेरी खाण
         लगा बुढेरा एक बताण......

भोळा-सौद्दा माणस सूं मैं
पर ना मूरख मन्नै जाण
         लगा बुढेरा एक बताण......

रग-रग मैं दुनिया की जाणूं
लगे स्याणे मन्नै भकाण
         लगा बुढेरा एक बताण......

रोज-रोज की वए कहाणी
सुण-सुण पाके पड़ै सैं कान
         लगा बुढेरा एक बताण......

              - रोहित कुमार 'हैप्पी'
                 न्यूज़ीलैंड

Previous Page  | Index Page  |    Next Page
 
 
Post Comment
 
Name:
Email:
Content:
Type a word in English and press SPACE to transliterate.
Press CTRL+G to switch between English and the Hindi language.
 
 

Subscription

Contact Us


Name
Email
Comments