कच्चे नीम्ब की निम्बोली | सावन के हरियाणवी लोकगीत | Haryanvi Sawan Geet | Teej Lok Geet
जब हम अपना जीवन, जननी हिंदी, मातृभाषा हिंदी के लिये समर्पण कर दे तब हम किसी के प्रेमी कहे जा सकते हैं। - सेठ गोविंददास।

Find Us On:

Hindi English
कच्चे नीम्ब की निम्बोली | सावन के हरियाणवी लोकगीत (साहित्य) 
Click To download this content    
Author:म्हारा हरियाणा संकलन

कच्चे नीम्ब की निम्बोली सामण कद कद आवै रे
जीओ रे मेरी मां का जाया गाडे भर भर ल्यावै रे
बाबा दूर मत ब्याहियो दादी नहीं बुलाने की
बाब्बू दूर मत ब्याहियो अम्मा नहीं बुलाने की
मौसा दूर मत ब्याहियो मौसी नहीं बुलाने की
फूफा दूर मत ब्याहियो बूआ नहीं बुलाने की
भैया दूर मत ब्याहियो भाभी नहीं बुलाने की
काच्चे नीम्ब की निम्बोली सामणया कद आवै रे
जीओ रे मेरी मां का जाया गाडे भर भय ल्यावै रे


साभार - हरियाणा के लोक गीत, हरियाणा साहित्य अकादमी, संपादक - डा. साधुराम शारदा

Previous Page  | Index Page
 
 
Post Comment
 
Name:
Email:
Content:
Type a word in English and press SPACE to transliterate.
Press CTRL+G to switch between English and the Hindi language.
 
 

Subscription

Contact Us


Name
Email
Comments