Mhara Haryana - Haryanvi literature, culture and language
Find Us On:
जब साजन ही परदेस गये मस्ताना फागण क्यूँ आयाजब सारा फागण बीत गया तैं घर में साजन क्यूँ आयाछम छम नाचैं सब नर नारी मैं बैठी दुखा की मारीमेरे मन में जब अंधेरा मचा तैं चान्द का चांदण क्यूँ आयाइब पीया आया जी खित्याना जब जी आया पी मित्यानासाजन बिन जोबन क्यूँ आया जोबन बिन साजन क्यूँ आयामन की तै अर्थी बंधी पड़ी आख्या मैं लागी हाय झड़ीजब फूल मेरे मन का सूक्या लजमार फागण क्यूँ आयासाभार - हरियाणा के लोकगीत