Mhara Haryana - Haryanvi literature, culture and language
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सब सै निराला हरियाणादूध घी का सै खाणा॥
कुरुछेतर महाभारत भूमिगीता ज्ञान ठिकाणा॥मर्रा नसल के सांड सजीलेले कै पड़ै ना पछताणा॥बीर यहाँ की मेहनतगारीकाम भरोटे ल्याणा॥साँग तमाशे रागनी इसकीके जाणै कोई गाणा॥जग विख्यात कृषि विद्यालयकरतब उपज बढ़ाणा॥भेड़ गधे खच्चर घोड़्याँ कायहाँ संस्थान पुराणा॥कारखाने जिंदल के नामीजाणै नाम कमाणा॥
हाजिर रह्वै जबाभ जबां पैफरवट याणा स्याणा॥
- श्रीकृष्ण गोतान 'मंजर'