अपनी सरलता के कारण हिंदी प्रवासी भाइयों की स्वत: राष्ट्रभाषा हो गई। - भवानीदयाल संन्यासी।

Find Us On:

Hindi English

हरियाणवी चुटकले | रोशन वर्मा

एक गंजा एक नाई तै बोल्या - मेरे सिर पै तो बहुत कम बाळ सैं, तन्नै कम पिस्से लेणे चाईंयै।

नाई बोल्या - यैं पिस्से बाळ काटण के कोनी बाल टोण के मांगे सैं।

Subscription

Contact Us


Name
Email
Comments