बाजरे की रोटी | Haryanvi Song by Rohit Kumar Happy
हिंदी उन सभी गुणों से अलंकृत है जिनके बल पर वह विश्व की साहित्यिक भाषाओं की अगली श्रेणी में सभासीन हो सकती है। - मैथिलीशरण गुप्त।

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बाजरे की रोटी (काव्य) 
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Author:रोहित कुमार 'हैप्पी' | Rohit Kumar 'Happy'

बाजरे की रोटी ना थ्यावै कदै साग
हो गै परदेसी जणूं फूट्टे म्हारे भाग

सुणती कदे ना पायल की छम-छम
सुणै आड़ै रागणी अर्र ना कोए राग

आई तीज आड़ै उडी ना पतंगां
होली, दीवाली ना खेल्लै कोई फाग

कोयल की कूं-कूं ना सुणती कदे बी
प्रदेसां मैं 'रोहित' कड़ै आंबां के बाग

रचनाकार - रोहित कुमार 'हैप्पी'

 

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