नरेन्द्र गुलिया का जीवन परिचय | Biodata of Narinder Gulia
अपनी सरलता के कारण हिंदी प्रवासी भाइयों की स्वत: राष्ट्रभाषा हो गई। - भवानीदयाल संन्यासी।

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नरेन्द्र गुलिया | Narendra Gulia

नरेन्द्र गुलिया का जन्म 29 मई 1973 को हुआ। आप दरियापुर (बादली) गांव से संबंध रखते हैं। हरियाणवी में लिखते व गाते हैं। आप क्रिकेट कोच हैं।

आपकी एल्बम रौला (Roula) 2007, काफी प्रसिद्ध हुई है। आपके लिखे गीत, 'जाटां का छौरा', 'वो गाम पुराणे कड़ै गये', 'बेट्टा गाम भूल गय्या',  'ना माटी कूट हरियाणे की' बहुत प्रसिद्ध हुए हैं।

 

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वो गाम पुराणे कडै़ गये

वो गाम पुराणे कडै़ गये, वो गाम पुराणे कड़ै गये
वो पहल्यां आली बात नहीं, सुखधाम पुराणे कडै़ गये
वो गाम पुराणे कडै़ गये, वो गाम पुराणे कड़ै गये !

झूल हुलारे मारया करती, वो चढ़ता सामण आज नहीं
पनघट की रौणक खत्म हुई, वो कुड़ता-दामण आज नहीं
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